रतलाम शहर मे SDP डोनर टीम रक्तमित्रौ द्वारा कार्निया व अंग दान को लेकर उठाए सवाल।

www.flyoftruth.live,रतलाम, (प्रारंभ दुबे),मध्य प्रदेश के रतलाम जिला स्थित एसडीपी डोनर रक्तमित्र बादल वर्मा ने सत्य की उड़ान न्यूज टीम को बताया की विभिन्न धर्मों के समाज सेवीयो द्वारा मृत्यु पश्चात भी समाज सेवा के लिए कई शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों को दान किया जाता है जिससे मृत्यु पश्चात भी पुण्य का कार्य विभिन्न अंगों को दान करके किया जाता है और कई समाजसेवी ऐसे भी हैं जिनके द्वारा निरंतर अपने शरीर के अंगो का दान किया जाएगा क्योंकि समाजसेवी का नारा है अंगदान महादान,
SDP डोनर रक्तमित्रौ द्वारा सवाल-: 1),समाजसेवियों द्वारा मृत्यु पश्चात जो अंग दान या आँख का कार्निया दान दिया जाता है। यह जो भी अंग समाजसेवी जब समाज के हित के लिए अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंग दान जो दिए जाते हैं। तो उन विभिन्न महत्वपूर्ण अंगों को निकालने के लिए टीम को रतलाम शहर मे करोड़ों रुपये से बना सर्व सुविधायुक्त का दावा करता शासकीय मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद भी टीम को रतलाम शहर से बाहर से क्यों बुलाया जाता है।
2),अगर किसी व्यक्ति को समाजसेवी द्वारा जो अंग प्रदान किया जाता है उसकी जानकारी गोपनीय तरीके से क्यों रखी जाती हैं। जबकि अभी तक अनगिनत समाजसेवीयो द्वारा मृत्यु पश्चात कितने ही महत्वपूर्ण अंग दान किए जा चुके हैं तो इन अंगों की जानकारी व किस व्यक्ति को दिए गए अंग जिसको उन विभिन्न अंगों की जरूरत होती है और जो व्यक्ति दान किए हुए अंग को अपने शरीर में इस्तेमाल करता है तो उसकी सारी जानकारियां गोपनीय क्यों रखी जाती है।
जबकि रतलाम में शासकीय मेडिकल कॉलेज को जून 2021 में शासकीय मेडिकल कालेज के नेत्र बैंक को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता नियंत्रण के लिए चालीस लाख रुपये स्वीकृत भी हुए थे। फिर भी यह यह नेत्रदान को लेकर सुविधा क्यों चालू नहीं की गयी…?
जबकि 5 जून 2021 में ही मीडिया के माध्यम से शासकीय मेडिकल कालेज रतलाम के पूर्व डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि स्वीकृत राशि से नेत्र बैंक के लिए उपकरण खरीदे जाएंगे। इसके बाद आने वाले समय में कार्निया ट्रासप्लांट की शुरुआत हो सकेगी। इसके शुरु होने के बाद पुतली में सफेदी वाले मरीजों को इंदौर या अन्य दूसरे शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राशि मिलने के बाद कर्निया परीक्षण के लिए स्पेक्युलर माइक्रेस्कोप, स्लिट लैंप सहित नेत्र परीक्षण के अन्य उपकरण जो कार्निया ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक हैं, खरीदे जाएंगे। नेत्र बैंक में आंखों की पुतली (कार्निया) का परीक्षण और संग्रहण किया जाता है। साथ जिन मरीजों के आखों की पुतली में सफेदी आ जाती है, उसका परीक्षण कर कार्निया बदला जाता है। उन्होंने ने बताया कि राशि स्वीकृत हो गई है और मिलते ही उपकरण खरीदी की प्रक्रिया के साथ अन्य दस्तावेजी कार्रवाई होगी। इसके बाद एक नई और बड़ी सुविधा चालू हो सकेगी, जो रतलाम के लिए उपलब्धि होगी। हमारा प्रयास है कि मेडिकल कालेज में वह सभी जरुरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो जाएं, जिसके लिए अभी यहां के लोगो को बाहर दूसरे शहरों में जाकर बड़ी राशि खर्च कर उपचार लेना पड़ता है।
एसडीपी डोनर टीम के रक्तमित्र बादल वर्मा,मो शोएब, दीपक पांचाल ने मेडिकल कॉलेज में कॉर्निया दान सुविधा को चालू करने की मांग रखी है।