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MP के भाजपा नवनिर्वाचित वन मंत्री रामनिवास रावत साइबर ठगी के शिकार से बचे।

सत्य की उड़ान,(प्रारंभ दुबे),मध्य प्रदेश में साइबर ठगी चरम सीमा पर है जालसाजों के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं की आम आदमियों के साथ अब बड़े पद वाले मंत्री भी इसके शिकार होते दिख रहे हैं। ऐसा ही एक घटनाक्रम सामने आया है जब नवनिर्वाचित वन मंत्री रामनिवास रावत से सायबर ठगी के शिकार होने से बच गए। सायबर ठग ने खुद को भाजपा के संगठन मंत्री का पर्सनल असिस्टेंट बताकर रुपये मांगे।जब इस पूरे घटनाक्रम की जांच की गई तो कॉल फर्जी पाया गया। जिसके बाद नवनिर्वाचित वन मंत्री राम निवास रावत ने साइबर क्राइम ब्रांच में सायबर ठग अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सायबर ठगी घटनाक्रम-:मध्यप्रदेश भाजपा नवनिर्वाचित वन मंत्री रामनिवास रावत के मोबाइल पर सायबर ठग द्वारा 9285127561 नंबर से कई बार फोन किया गया था। जिसमें साइबर ठग द्वारा खुद को भाजपा संगठन मंत्री बीएल संतोष का पर्सनल असिस्टेंट बताकर रुपये की मांग की गई। फोन आते ही नवनिर्वाचित वन मंत्री पैसों की व्यवस्था करने में भी जुट गए। जब रुपये ट्रांसफर करने से पहले रामनिवास रावत ने बी.एल संतोष के पर्सनल असिस्टेंट से रुपयो की माँग की पुष्टि की गई तो उनके द्वारा कहा कि ऐसी कोई भी रुपयो मांग नहीं की गई है। जिस पर वन मंत्री को मालूम पड़ा कि उनसे साइबर ठगी की कोशिश हुई है। वन मंत्री रामनिवास रावत ने फौरन क्राइम ब्रांच में अज्ञात साइबर ठग के खिलाफ क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई गयी है। फिलहाल साइबर ठग अब तक पुलिस प्रशासन की पकड़ से दूर है। पुलिस कॉल ट्रेस कर यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि आखिर फोन कहां से आया था। जिसके आधार पर आरोपी को पकड़ने की कार्रवाई की जाएगी। 

 

 

 

प्रारंभ दुबे

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